EWS आरक्षण पर लगी सुप्रीम कोर्ट की मुहर, पांच जजों की बैंच ने सुनाया फैसला
Writen By Sahil
सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को मिल रहे आरक्षण को बरकरार रखने का फैसला सुना दिया है चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने 3-2 से संविधान के 103वें संशोधन को सही ठहराया है आरक्षण के खिलाफ दलील दी गई थी कि यह 103वां संविधान संशोधन के साथ धोखा है
Credit Dalit Dastak |
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दिए गए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग चुकी है चीफ जस्टिस यूयू ललित के अगुवाई में 5 जजों की पीठ ने 3-2 से संविधान के 103वें संशोधन के पक्ष में फैसला सुनाया। हालांकि, चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी। बाकी तीन जजों ने कहा यह संशोधन संविधान के मूल भावना के खिलाफ नहीं है
फैसला पक्ष/विरोध
चीफ जस्टिस यूयू ललित विरोध में
जस्टिस रवींद्र भट विरोध में
जस्टिस जेबी पारदीवाला पक्ष में
जस्टिस बेला त्रिवेदी पक्ष में
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी पक्ष में
3-2 से EWS कोटा के पक्ष में हुआ फैसला
चीफ जस्टिस यूयू ललित ने EWS कोटे के खिलाफ राय रखी है। उन्होंने कहा कि वह जस्टिस भट के निर्णय के साथ हैं। इस तरह EWS कोटे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला 3:2 रहा
जस्टिस रवींद्र भट ने EWS कोटे पर अलग रुख अपनाया है। जस्टिस भट ने कहा कि संविधान सामाजिक न्याय के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं देता है। EWS कोटा संविधान के आधारभूत ढांचा के तहत ठीक नहीं है। जस्टिस भट ने कहा ये आरक्षण का लिमिट पार करना बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ है। जस्टिस भट ने कहा कि आरक्षण देना कोई गलत नहीं लेकिन EWS आरक्षण भी एससी,एसटी और ओबीसी के लोगों को मिलना चाहिए
जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि EWS कोटा सही है इसके साथ ही EWS कोटा को सुप्रीम कोर्ट की लगी मुहर। मैं जस्टिस माहेश्वरी और जस्टिस त्रिवेदी के फैसले के साथ हूं। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि मैं EWS संशोधन को सही ठहराता हूं जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हालांकि EWS कोटा को अनिश्चितकाल के लिए नहीं बढ़ाना चाहिए।
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने अपने फैसले में कहा कि संविधान का 103वां संशोधन सही है एससी एसटी और ओबीसी को तो पहले से ही आरक्षण मिला हुआ है इसलिए EWS आरक्षण को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता है इसलिए सरकार ने 10 फीसदी अलग से आरक्षण दिया EWS कोटा के खिलाफ जो याचिकाएं थी, वो विफल रहीं
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी का फैसला हमने समानता का ख्याल रखा है। क्या आर्थिक कोटा आर्थिक आरक्षण देने का का एकमात्र आधार हो सकता है। आर्थिक आधार पर कोटा संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है
इस ब्लॉग को अपने दोस्तो में शेयर करना बिलकुल भी न भूले
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें